
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक आज भारत के दौरे पर आएंगे। वे इस दौरान असम की तीन-दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। वांगचुक की यह यात्रा भूटान के किसी भी राजा की पहली असम यात्रा होगी। वांगचुक यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे तथा यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल ‘काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान’ भी जाएंगे। वे यहां पर रात्रि विश्राम भी करेंगे। भूटान इंडिया फ्रेंडशिप एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दाशो त्सेरिंग वांग्दा के अनुसार इतिहास में अभी तक भूटान के किसी भी राजा द्वारा असम की आधिकारिक यात्रा नहीं की गई है। भूटान नरेश के साथ उनकी पत्नी और दो बेटे भी होंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक अनोखा रिश्ता है, जो समय के साथ मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि असम के लोग राज्य की पहली यात्रा पर वांगचुक का स्वागत करने को उत्सुक हैं। रॉयल भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल ने भूटान नरेश की राजकीय यात्रा से पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
थोड़े समय उग्रवाद बना था रोड़ा
दाशो त्सेरिंग वांग्दा ने कहा कि आधिकारिक जिम्मेदारियों और भौगोलिक वास्तविकताओं के कारण पहले नई दिल्ली में केंद्र सरकार के साथ बातचीत होती थी। उन्होंने कहा कि भूटान नरेश अब असम की ऐतिहासिक यात्रा करेंगे, दोनों देशों की दोस्ती को मजबूत करेंगे और क्षेत्र में अभूतपूर्व शांति सुनिश्चित करने में दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए असम और भारत के साथ एकजुटता दर्शाएंगे। भारत और भूटान के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए वांग्दा ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद की समस्या के कारण थोड़े वक्त के लिए परेशानी आई थी और कई उग्रवादी संगठनों ने उनकी (भूटान की) सीमा के अंदर भी शिविर लगाए थे। कोलकाता के रॉयल भूटानी वाणिज्य दूतावास के पूर्व महावाणिज्य दूत ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण दौर था, क्योंकि विद्रोही समूहों ने दोनों देशों के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा कर दी थीं। उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की मौजूदा सरकार ने निरंतर शांति सुनिश्चित की है।
क्या है भूटान नरेश का कार्यक्रम
गुवाहाटी में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वह 4 नवंबर को काजीरंगा जाएंगे और वहां एक रात बिताकर फिर भारत की अगले चरण की यात्रा के तहत रविवार को जोरहाट से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। अधिकारियों ने बताया कि भूटान नरेश और उनका दल शुक्रवार को पूर्वाह्न में एक विशेष उड़ान से गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। भूटान नरेश शहर में नीलाचल पहाड़ी पर स्थित कामाख्या मंदिर भी जाएंगे और फिर शहर के एक होटल में भूटानी समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करेंगे। वांगचुक असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल होंगे और अगली सुबह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए जोरहाट के लिए उड़ान भरेंगे।