
चक्रवाती तूफान का लगभग प्रत्येक वर्ष सामना करने वाले ओडिशा में एक बार फिर से चक्रवात का भय सताने लगा है। भारतीय मौसम विभाग की तरफ से किए गए आकलन के बाद ओडिशा में चक्रवात आने को लेकर संभावना बढ़ गई है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में चक्रवात आने की आशंका जाहिर की गई है। 28 सितम्बर को पूर्व केन्द्रीय बंगोप सागर में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय होकर समुद्री तूफान का रूप धारण करने के बाद चक्रवात का रूप ले सकता है और इसे उत्तर आन्ध्र प्रदेश एवं ओडिशा की तरफ बढ़ने की सम्भावना है। क्योंकि इस समय समय मानसून के वापसी करने से कम दबाव के क्षेत्र को चक्रवात में तब्दील होने के लिए वातावरण अनुकूल होगा। जानकारी के मुताबिक भारतीय मौसम विभाग की तरफ से 15 दिन पहले किए गए आकलन से यह पूर्वानुमान किया गया है। इसके साथ ही अन्य कुछ अंतरराष्ट्रीय माडलों ने भविष्यवाणी की है कि 28 या 29 सितंबर के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण बनेगा। 30 सितंबर तक यह कम दबाव के क्षेत्र में एवं बाद में यह एक चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर सकता है। इसी तरह ईसीएमडब्ल्यूएफ मॉडल के आकलन के अनुसार 30 या एक अक्टूबर के आसपास मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। हालांकि, इस माडल का मानना है कि चक्रवात आने की संभावना कम है। सीएफएस मॉडल के अनुसार, अक्टूबर के पहले सप्ताह में अवसाद की संभावना है।
मौसम विभाग की सलाह
मौसम की मौजूदा स्थिति को देखते हुए 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह कितना घना होगा और किस दिशा में मुड़ेगा। इसलिए मौसम विभाग की तरफ से फिलहाल चक्रवात की अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी गई है।