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भारत की जर्सी और फिर भी जयकारे पाकिस्तान के

भारत की जर्सी और फिर भी जयकारे पाकिस्तान के

 लंबी लड़ाई के बाद अंग्रेजों से भारत से आजादी तो मिली, लेकिन बंटवारे की कीमत पर। लियाकत अली जिन्ना ने एक अलग देश पाकिस्तान मांग लिया। तब से लेकर अबतक नापाक इरादों वाले पाकिस्तान से भारत की कभी नहीं बनी। हिंदुस्तान में किसी को अंदाजा नहीं था कि पाकिस्तान के नाम में मौजूद पाक शब्द का मतलब इतना नापाक होगा। अलग मुल्क बनते ही पाकिस्तान अपनी औकात पर आ गया। 1947, 1965 और 1971 में दोनों देशों के बीच तीन युद्ध हुए। अपनी जन्मभूमि की रक्षा के लिए न जाने कितने ही हिंदुस्तानियों ने प्राणों की आहुति दी। अपनी मिट्टी के लिए मर मिटे, लेकिन आज भी देश में आपको कई जयचंद दिख जाएंगे। जो खाते तो यहां की हैं, लेकिन गाते सरहद पार की। 

जरा याद करो कुर्बानी

किसी टीम का फैन होना कोई बुरी बात नहीं। किसी टीम को सपोर्ट करना कोई अपराध भी नहीं। ऊपर ये दोनों पाकिस्तानी फैन किस धर्म, समुदाय या शहर से आते हैं, इसकी कोई पहचान नहीं। मगर बतौर हिंदुस्तानी देश सबसे ऊपर होना चाहिए। हमें नहीं भूलना चाहिए कि सरहद पर हमारे जवान अपना परिवार छोड़कर, रातों की नींद त्यागकर रखवाली करते हैं। सीमापार से हो रहे आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते हैं। यहीं पाकिस्तान पोषित आतंकियों की गोली सीने में खाकर हमारी हिफाजत करते हैं।

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