
वैश्विक स्तर पर डिजिटल भुगतान में तेजी आ रही है. कैपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2027 तक गैर-नकद लेनदेन (Non Cash Transactions) की मात्रा 2.3 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगी, जो सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, क्योंकि उपभोक्ता और व्यवसाय नई डिजिटल भुगतान योजनाएं अपना रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि 2023 के अंत तक लेनदेन की मात्रा 1.3 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगी, जो 2027 के पूर्वानुमान का लगभग आधा.
रिपोर्ट के अनुसार, 2027 तक भुगतान प्रणलियां जैसे तत्काल भुगतान, ई-मनी, डिजिटल वॉलेट, अकाउंट-टू-अकाउंट पेमेंट और क्यूआर (क्विक-रिस्पॉन्स) कोड पर आधारित भुगतान कुल गैर-नकद लेनदेन के करीब 30 प्रतिशत को नियंत्रित करेंगे. इसके अलावा, पारंपरिक गैर-नकद भुगतान जैसे चेक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांसफर शामिल हैं, जो कुल गैर-नकद लेनदेन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा होगा.
2023 विश्व भुगतान रिपोर्ट कार्यकारी सर्वेक्षण के अनुसार, आज, वैश्विक स्तर पर खुदरा भुगतान में कुल लेनदेन मात्रा का 59 प्रतिशत शामिल है, जबकि वाणिज्यिक भुगतान में 41 प्रतिशत शामिल है. इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का विचार दुनिया भर में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है. क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग और वॉलेट की तरह सीबीडीसी भी भुगतान प्रणाली का हिस्सा होगी. इसके अलावा, भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.इसके अलावा, भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. रिपोर्ट में कहा गया है, “रियल-टाइम नेटवर्क और ओपन बैंकिंग द्वारा संचालित, भारत में यूपीआई ने 2021 से 2022 तक वॉल्यूम में 1.9 गुना और लेनदेन मूल्य में लगभग 1.8 गुना की तेजी से वृद्धि दर्ज की.”