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फलस्तीन के बहाने PAGD कर रही सियासत

फलस्तीन के बहाने PAGD कर रही सियासत

जम्मू कश्मीर के बदलते राजनीतिक परिदृश्य में खुद को खड़ा करने में जुटे पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन पीएजीडी अब फलस्तीन के बहाने अपनी सियासत आगे बढ़ाने की कोशिश करता नजर आ रहा है। 

PAGD ने पीएम का जताया अभार
पीएजीडी ने शुक्रवार को गाजा में मानवीय सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताने के साथ ही गाजा में जंगबंदी सुनिश्चित करने के लिए विश्व समुदाय से प्रयास करने की अपील की है। पीएजीडी का गठन नेशनल कॉन्फ्रेन्स,पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, माकपा, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और इन जैसे कुछ अन्य दलों ने मिलकर किया है। पीएजीडी का एजेंडा जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पूर्व की संवैधानिक स्थिति की बहाली है।

पीएजीडी के अध्यक्ष हैं डॉ फारूक
पीएजीडी अपने गठन के कुछ समय बाद तक प्रदेश की सियासत में प्रभावी होता नजर आने लगा था लेकिन वर्ष 2020 के बाद यह सिर्फ बैठकों तक सिमट गया। इसके घटक दलों के नेताओं के बीच समय समय पर मतभेद की खबरें भी आती रहती हैं। डॉ फारूक अब्दुल्ला पीएजीडी के अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष है। माकपा नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी पीएजीडी के संयोजक व मुख्य प्रवक्ता हैं। डॉ फारूक अब्दुल्ला के निवास पर आज शाम को पीएजीडी के सभी प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई। इसमें पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज की हमारी बैठक फलस्तीन के नागरिकों के साथ संवेदना और समर्थन व्यक्त करने के लिए बुलाई गई थी।हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व समुदाय के अन्य बड़े नेताओं के साथ मिलकर गाजा में इजरायली हमले बंद कराते हुए वहां जंगबंदी बहाल कराएं। उन्होंने कहा कि हम गाजा में कष्ट झेल रहे फलस्तीन के नागरिकों के लिए मानवीय सहायता के तौर पर 38 टन आवश्यक सामग्री भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी व्यक्त करते हैं।

फलस्तीन के हालात बहुत बुरे-फारूक
डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि फलस्तीन के हालात बहुत बुरे हैं। अगर यूं ही स्थिति रही तो यह पूरी दुनिया में एक नए संकट को जन्म दे सकती है। इसलिए वहां जल्द से जल्द हालात सामान्य बनाए जाने की जरुरत है, वहां जंगबंदी होनी चाहिए। जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार बेशक यहां शांति बहाली का दावा करें, लेकिन हकीकत किसी से नहीं छिपी है। यहां बीते दिनों हुई टार्गेट किलिंग की घटनाओं ने बताया है कि आतंकी हिंसा जारी है। आतंकी हिंसा खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए। इन्हें टालना सही नहीं है।

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